भारत के विकास का असली चेहरा गाँवों से झलकता है। लेकिन आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, खासकर उन गाँवों में जहाँ अनुसूचित जाति (SC) की आबादी अधिक है। इन्हीं असमानताओं को दूर करने और गाँवों को आदर्श बनाने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) शुरू की।
यह योजना पहली बार 2009-10 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू हुई थी। शुरुआत में इसे 1,000 गाँवों में लागू किया गया, जो पाँच राज्यों (तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम) में चुने गए थे। इसके बाद इसे पूरे देश में विस्तार दिया गया।
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🎯 प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – SC बहुल गाँवों का समग्र और संतुलित विकास करना।
इसके लिए दो तरीके अपनाए जाते हैं:
- मौजूदा योजनाओं का कन्वर्जेन्स (Convergence): केंद्र और राज्य सरकार की सभी विकास योजनाओं को मिलाकर एक दिशा में लागू किया जाता है।
- गैप-फिलिंग फंड का उपयोग: जहाँ कोई सुविधा बाकी रह जाती है, वहाँ योजना से अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराया जाता है।
👉 अंतिम लक्ष्य यह है कि हर परिवार को बुनियादी सेवाएँ मिलें, SC और अन्य समुदायों के बीच की असमानताएँ कम हों और हर ग्रामीण गरिमा और सम्मान के साथ जीवन जी सके।
🌈 ‘आदर्श ग्राम’ का विज़न
एक आदर्श ग्राम वह है जहाँ –
- हर परिवार को पक्का घर, शौचालय, साफ पानी और बिजली मिले।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ सभी तक पहुँचें।
- रोजगार और आजीविका के अवसर उपलब्ध हों।
- जातीय भेदभाव और अस्पृश्यता न हो।
- हर नागरिक बराबरी और सम्मान के साथ जीवन जी सके।
📊 विकास के प्रमुख क्षेत्र (Key Focus Areas)
PMAGY के तहत 50 संकेतकों को 10 डोमेन्स में बाँटा गया है, जो गाँव के हर पहलू को कवर करते हैं:
- पेयजल और स्वच्छता
- शिक्षा
- स्वास्थ्य और पोषण
- सामाजिक सुरक्षा
- ग्रामीण सड़कें और आवास
- बिजली और स्वच्छ ईंधन
- कृषि और खेती की प्रथाएँ
- वित्तीय समावेशन
- डिजिटलीकरण
- आजीविका और कौशल विकास
✅ पात्रता (Eligibility Criteria)
किसी गाँव को PMAGY के अंतर्गत लाने के लिए दो शर्तें होती हैं:
- गाँव में SC आबादी 50% से अधिक हो।
- कुल जनसंख्या 500 से अधिक हो।
👉 चयन करते समय गाँवों को SC प्रतिशत के आधार पर descending order में प्राथमिकता दी जाती है।
💰 वित्तीय सहायता (Funding Pattern)
प्रत्येक गाँव को कुल ₹21 लाख दिए जाते हैं।
- ₹20 लाख – गैप-फिलिंग (सामुदायिक उपयोग के गैर-आवर्ती कार्यों के लिए)
- ₹1 लाख – प्रशासनिक खर्च, प्रशिक्षण, IEC और MIS
फंड शेयरिंग पैटर्न: केंद्र:राज्य:जिला:ग्राम पंचायत = 1:1:1:2
पहले से कवर गाँवों को ₹10 लाख अतिरिक्त दिए जाते हैं (₹9.5 लाख गैप-फिलिंग + ₹0.5 लाख प्रशासन)।
🏡 ग्राम पंचायत की भूमिका
गाँव के विकास की असली जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और ग्राम सभा पर होती है। प्रक्रिया इस प्रकार है:
- गाँव का चयन
- PMAGY कन्वर्जेन्स कमेटी का गठन
- ज़रूरतों का आकलन (Need Assessment)
- ग्राम विकास योजना (VDP) तैयार करना
- ग्राम सभा से अनुमोदन
- जिला कमेटी से स्वीकृति
- फंड का रिलीज़ और कार्यान्वयन
- मासिक मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग
⏳ समयसीमा
गैप-फिलिंग वाले कार्य पूरे करने की सीमा: 2 वर्ष
अन्य योजनाओं से कन्वर्जेन्स और विकास गतिविधियाँ: 3 वर्ष तक
🌍 सामाजिक सद्भाव और समावेशन
PMAGY का एक बड़ा उद्देश्य है – गाँवों में सामाजिक बराबरी लाना।
- अस्पृश्यता और जातीय भेदभाव को खत्म करना।
- महिला मंडल, युवा क्लब और ग्राम सभा के ज़रिए सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना।
- हर नागरिक को सम्मान और समान अधिकार दिलाना।
⭐ PMAGY गाँव के निवासियों को मिलने वाले लाभ
- हर मौसम में चलने योग्य सड़कें
- सुरक्षित पेयजल और स्वच्छ वातावरण
- शौचालय और कचरा प्रबंधन व्यवस्था
- पक्का घर और बिजली कनेक्शन
- अच्छे स्कूल, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र
- कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर
- जातीय भेदभाव से मुक्त सामाजिक जीवन
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) का उद्देश्य क्या है?
SC बहुल गाँवों का समग्र विकास करना, ताकि हर परिवार को बुनियादी सुविधाएँ मिलें और सामाजिक असमानताएँ कम हों।
यह योजना कब शुरू हुई थी और कहाँ लागू हुई थी?
2009-10 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 1,000 गाँवों में, पाँच राज्यों (तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम) में।
गाँव चयन की पात्रता क्या है?
(1) SC आबादी 50% से अधिक हो, (2) कुल जनसंख्या 500 से अधिक हो।
एक गाँव को कितनी राशि मिलती है?
₹20 लाख गैप-फिलिंग कार्यों के लिए और ₹1 लाख प्रशासनिक खर्चों के लिए, कुल ₹21 लाख।
गैप-फिलिंग का क्या अर्थ है?
ऐसे काम जो किसी अन्य सरकारी योजना से कवर नहीं होते, उन्हें पूरा करने के लिए दी जाने वाली विशेष राशि।
इस योजना से गाँववासियों को क्या लाभ मिलता है?
सड़क, बिजली, साफ पानी, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ।
क्या यह योजना सिर्फ़ केंद्र सरकार की योजनाओं पर निर्भर है?
नहीं, इसमें केंद्र और राज्य दोनों की योजनाओं का कन्वर्जेन्स होता है, साथ ही गैप-फिलिंग फंड भी दिया जाता है।
यह योजना सामाजिक सद्भाव को कैसे बढ़ावा देती है?
जातीय भेदभाव और अस्पृश्यता को खत्म करने के लिए काम करती है और महिला मंडल, युवा क्लब व ग्राम सभा के ज़रिए सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।
✔ ऑफिशियल लिंक –
अगर आप सरकारी योजनाओं में रुचि रखते हैं, तो प्रधानमंत्री आवास योजना और PM Kusum Yojana से भी जुड़ी जानकारी ज़रूर पढ़ें। ये योजनाएं आम नागरिकों की सुविधा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती हैं।