पी एम-प्रमाण योजना(PM Pranam Yojana) भारत सरकार द्वारा भूमि की उर्वरकता को बढ़ाने तथा कृषि कार्य में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने हेतु राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए 28 मई 2023 को एक नई योजना पीएम-प्रणाम को मंजूरी दी गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि कार्य में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना और रसायनों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
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पी एम-प्रणाम योजना(PM Pranam Yojana) के मुख्य बिन्दु
योजना का नाम | PM Pranam Yojana |
विभाग का नाम | कृषि एवं उर्वरक विभाग |
लाभार्थी | किसान |
उद्देश्य | कृषि कार्य में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना और रसायनों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना |
योजना का प्रारंभ | 2023 |
पी एम-प्रणाम योजना(PM Pranam Yojana) का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि प्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा देते हुए पारंपरिक उर्वरक निर्भरता को कम करने और वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने को प्रोत्साहित करके पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है।
पी एम-प्रणाम योजना(PM Pranam Yojana) की विशेषताए
- पी एम प्रणाम योजना का पूरा नाम पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेट न्यूट्रिएंट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट (PM PRANAM) योजना है
- पीएम-प्रणाम (PM Pranam Yojana)योजना का अलग से बजट नहीं होगा और उर्वरक विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्त पोषित किया जाएगा।
- पीएम-प्रणाम योजना(PM Pranam Yojana) के अंतर्गत सब्सिडी बचत का 50% उस राज्य को दिया जाएगा जो अनुदान के रूप में पैसा बचाता है।
- इस योजना के तहत प्रदान किए गए अनुदान का 70% उपयोग ग्राम ब्लॉक और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों के तकनीकी अपनाने से संबंधित संपत्ति बनाने के लिए किया जा सकता है।
- राज्यों को मिलने वाले ग्रांट में से 30 फीसदी राशि को किसानों, पंचायत और किसान उत्पादक संगठनों व स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन देने पर खर्च किया जाएगा.
- रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने में गणना को स्पष्ट करने के लिए, एक वर्ष में यूरिया की खपत में एक राज्य की वृद्धि या कमी की तुलना पिछले तीन वर्षों में यूरिया की औसत खपत से की जाएगी।
- इस उद्देश्य के लिए उर्वरक मंत्रालय के डैशबोर्ड, आईएफएमएस (एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली) से डेटा का उपयोग किया जाएगा।
- यह उर्वरकों या वैकल्पिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने पर सरकार का महत्वपूर्ण कदम है।
पी एम-प्रणाम योजना(PM Pranam Yojana) का लाभ
- यह प्राकृतिक पोषक तत्वों सहित वैकल्पिक पोषक तत्वों और उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करता है।
- रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- भारत में कृषि उपज और उत्पादकता में वृद्धि करता है।
- कंप्रेस्ड बायो गैस के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे कचरे को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद मिलेगी।
प्रिय दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको मेरा यह आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि पी एम- प्रणाम योजना क्या होता है । आगे भी इसी तरह आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से और स्कीम्स के बारे में जानकारी प्रदान करता रहूँगा। दोस्तों यदि आप पी एम- प्रणाम योजना से संबंधित कोई और जानकारी पूछना चाहते हैं तो कमेंट करें हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे।
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