सबला योजना(राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना)

भारत सरकार के केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत देश के समस्त किशोरियों को जिनकी उम्र 11 वर्ष से 18 वर्ष है के सशक्तिकरण के लिए प्रारंभ की गई एक महत्त्वपूर्ण योजना है। इसके अंतर्गत ११ से १८ साल तक की किशोरियों में पोषण, प्रशिक्षण एवं जागरुकता को बढ़ावा दिया जाता है। किशोरियों को आयरन और प्रोटीन की गोलियाँ एवं अन्य आवश्यक पोषक तत्व दिये जाते हैं। योजना का क्रियान्वयन ११ से १४ साल की बच्चियों के लिए मध्याह्न भोजन योजना द्वारा वहीं १५ से १८ साल की किशोरियों के लिए आँगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से किया जाता है। 

सबला योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के 11 वर्ष से 18 वर्ष की उम्र की किशोरियों के पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर मे सुधार करना, स्वास्थ्य, सफाई, पोषण, किशोरी प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य (ए.आर.एस.एच.) और परिवार एवं बाल देख-रेख के विषय में जागरूकता को बढ़ावा देना,उनके घरेलू कौशलों, जीवन कौशलों का उन्नयन करना एवं व्यावसायिक कौशलों हेतु उन्हे राष्ट्रीय कौशलों विकास कार्यक्रम के साथ जोड़ना है जिससे उनमे आत्म विश्वास मे वृद्धि हो सके तथा उनका सशक्तिकरण हो सके।

सबला योजना के मुख्य बिन्दु

योजना का नामसबला योजना (राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना)
योजना लागू होने की तिथि1 अप्रैल 2011
योजना का उद्देश्यकिशोरियों का स्वास्थ्य, पोषण तथा आत्मनिर्भरता प्रदान कर सशक्तिकरण करना।
लाभार्थी11-18 वर्ष की किशोरियाँ
योजना का संचालनमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार
आधिकारिक वेवसाईट https://wcd.nic.in/hi

सबला योजना की विशेषताए

  • इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2010 में स्वीकृत की गई थी पहले यह योजना देश भर के 205 जिलों में लागू की गई है। बाद में, सरकार ने अतिरिक्त 303 जिलों में चरणवार तरीके से सबला योजना का विस्तार और सार्वभौमिकरण किया है।
  • इस योजना को राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना के नाम से भी जाना जाता है
  • इस योजना के अंतर्गत 11 वर्ष से 18 वर्ष की किशोरियों को लाभ प्रदान किया जाता है
  • इस योजना मे किशोरी बालिकाओ मे आयरन एवं फोलिक एसिड गोलियों का वितरण किया जाता है
  • इस योजना के द्वारा सरकार 11 से 14 वर्ष तक की आयु वर्ग की सभी लड़कियों को स्कूली शिक्षा के साथ साथ औपचारिक शिक्षा एवं कौशल एवं उनके विकास हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक किशोरी बालिका को एक किशोरी कार्ड दिया जाता है। 
  • इस कार्ड में किशोरा अवस्था की आयु के दौरान शरीर के वजन, ऊँचाई, आयरन फोलिक एसिड, सप्लीमेंट्स की आवश्यक मात्रा तथा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र और स्वास्थ जांच की सेवा सबला योजना के तहत किशोरी द्वारा लिए जाने के बारे में जानकारी होती है।
  • सबला योजना के बेहतर क्रियान्वयन तथा समन्वय हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सरकार द्वारा निर्धारित किये गए हर तीसरे महीने किशोरी दिवस मनाया जाता है।
  • सबला योजना के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्रशिक्षण किट प्रदान की जाती है।

सबला योजना के मुख्य घटक

इस योजना के दो मुख्य घटक है – पोषण घटक एवं गैर पोषण घटक

सबला योजना

सबला योजना के तहत उपलब्ध करायी जाने वाली सेवाएं

इस योजना के अंतर्गत किशोरियों को एक एकीकृत पैकेज प्रदान किया जाता है जो निमन्वत है :-

  • पोषण प्रावधान
  • आयरन और फोलिक एसिड (आईएफए) पूरकता
  • स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं
  • पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा (एनएचई)
  • परिवार कल्याण, एआरएसएच, बाल देखभाल प्रथाओं और गृह प्रबंधन पर परामर्श / मार्गदर्शन
  • जीवन कौशल शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच
  • राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम (एनएसडीपी) के तहत 16 वर्ष और उससे अधिक आयु की लड़कियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण

सबला योजना के कियान्वयन की कार्यविधि

इस योजना का क्रियान्वयन निम्न प्रकार से किया जाता है

(i)  किशोरी समूह :- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर 15 से 25 किशोरियों का एक समूह बनाया जाएगा, यदि किशोरियों की संख्या 25 से अधिक है तो उनके लिए अतिरिक्त समूह बनाए जाएंगे । किशोरी समूह का नेतृत्व तीन बालिकाएँ करेंगी, जिन्हें सखी और सहेलियाँ कहा जाएगा । इन सखी और सहेलियों का चुनाव समूह में से ही किया जाएगा । समूह की प्रमुख सखी होगी, जिसकी सहायता दो सहेलियाँ करेंगी। सखी और सहेलियाँ एक वर्ष तक समूह की सेवा करेंगी (प्रत्येक सखी का क्रमवार चार माह का कार्यकाल होगा)।

(ii) प्रशिक्षण किट :- प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर किशोरियों की सहायता हेतु एक प्रशिक्षण किट होगी जिसके माध्यम से उन्हे रुचिकर एवं विचारों के आपसी आदान-प्रदान के माध्यम से स्वास्थ्य, पोषण, सामाजिक, कानूनी मुद्धों को समझाया जा सके । किट में कई खेल एवं कार्यकलापों के लिए सामाग्री होगी, ताकि सीखने के समय बालिकायों को आनंद आए ।

(iii) किशोरी दिवस :- प्रत्येक तीन माह में एक बार किसी विशेष दिन को किशोरी दिवस के रूप में मनाया जाएगा और तब सभी किशोरियों की चिकित्सा अधिकारी/ए.एन.एम. द्वारा सामान्य स्वास्थ्य जांच की जाएगी । इस दिन चिकित्सा अधिकारी/ए.एन.एम. आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां एवं कृमि निवारण गोलियां उन किशोरियों को देंगे, जिन्हें इनकी जरूरत है। इस दिन किशोरियों की लंबाई एवं वजन का माप किया जाएगा । प्रत्येक किशोरी हेतु किशोरी कार्ड तैयार किए जाएंगे तथा ये कार्ड प्रमुख उपलब्धियों को चिन्हित कर रखें जाएंगे ।

(iv) स्वास्थ्य कार्ड :- सभी किशोरियों के किशोरी स्वास्थ्य कार्ड आंगनवाड़ी केंद्र पर रखे जाएंगे । इस कार्ड में लंबाई, वजन, बॉडी मास संसूचक, आयरन फॉलिक एसिड अनुपूरण, कृमि निवारण, रेफेरल सेवाओं एवं प्रतिरक्षण आदि का रेकॉर्ड रखा जाएगा। यह कार्ड सखी (चयनित किशोरी) द्वारा भरा जाएगा तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जाएगा । इस कार्ड में किशोरियों हेतु महत्वपूर्ण लक्ष्य भी दर्शाए जाएंगे तथा जब भी इन्हें प्राप्त कर लिया जाएगा, इन्हें चिन्हित किया जाएगा ।

(v) कार्मिक :- इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के प्रभारी जिला स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी होंगे । परियोजना स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी स्कीम के क्रियान्वयन के प्रभारी होंगे । ग्राम-स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री सुसाधक होगी तथा उसकी सहायता आंगनवाड़ी सहायिका, सखी-सहेली एवं भागीदारी गैर-सरकारी संगठन/समुदाय आधारित संगठन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता करेंगे ।

(vi) गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों की भूमिका :- राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन इस स्कीम के सफल क्रियान्वयन हेतु पंचायती राज्य संस्थाओं,गैर-सरकारी संगठनो/समुदाय आधारित संगठनो/अन्य संस्थाओं को भागीदार बना सकते हैं । पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा,जीवन कौशल शिक्षा,परिवार कल्याण, किशोरी प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य एवं बाल देखरेख और गृह प्रबंधन की पद्धतियों के विषय में मार्गदर्शन प्रदान करने, सखी/सहेली को प्रशिक्षण, प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए गैर-सरकारी संगठनो/समुदाय आधारित संगठनो तथा अन्य संस्थाओं को अभिनिर्धारित किया जाएगा । इन संगठनो का चुनाव क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे संगठनो की पहुँच और उपलब्धता के आधार पर परियोजना अधिकारियों के परमर्श से किया जाएगा।

सबला योजना का क्रियान्वयन

इस योजना का क्रियान्वयन निमन्वत किया जाता है

  • योजना संचालन का केंद्र बिन्दु ICDS अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र, पाठशाला, पंचायत भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि के द्वारा किया जाता है।
  • सबला केंद्र पर प्रति मंगलवार और शनिवार 2 से 3 घंटे सखी-सहेली व किशोरियों के समूह के साथ गतिविधिया की जाती है।
  • किशोरी समूह का गठन एवं प्रशिक्षण।
  • एक समूह मे सामान्यत: 15 से 25 बालिकाए होती है।
  • समूह मे किशोरिया एक वर्ष के लिए 1 सखी व 2 सहेली का चयन करती है ।
  • सखी सहेली आंगनवाड़ी केंद्र संचालन एवं गतिविधियों मे सहयोग करती है ।
  • तीन माह मे एक बार किशोरी दिवस का आयोजन किया जाता है ।
  • किशोरी दिवस के दिन का उपयोग समुदाय,माता-पिता, भाई बहन आदि को सूचना, शिक्षा एवं संचार प्रदान करने के लिए किया जाता है।

प्रिय दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको मेरा यह आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि  सबला योजना क्या होता है। आगे भी इसी तरह आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से और स्कीम्स के बारे में जानकारी प्रदान करता रहूँगा। दोस्तों यदि आप  सबला योजना से संबंधित कोई और जानकारी पूछना चाहते हैं तो कमेंट करें हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे।

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