केंद्र सरकार द्वारा देश के कक्षा 8 तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने तथा उन्हे शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) की शुरुआत की गई है। पहले इसका नाम ‘विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के लिये राष्ट्रीय योजना’ था, जिसे मध्याह्न भोजन योजना के नाम से जाना जाता था।इस योजना के तहत सरकार बाल बाटिका (प्री स्कूल), प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय में कक्षा 8 तक के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को पका भोजन उपलब्ध कराएगी।
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प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना(PM POSHAN) का उद्देश्य
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चे जो बाल बाटिका (प्री स्कूल), प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय में कक्षा 8 तक के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल मे पढ़ते है को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराते हुए उन्हे कुपोषण से बचाना है तथा शिक्षा के प्रति उनमे रुचि पैदा करना है। इस योजना के द्वारा बच्चों को नियमित रूप से स्कूल आने और कक्षा के कार्यकलापों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) के मुख्य बिन्दु
योजना | प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) |
विभाग का नाम | शिक्षा विभाग |
शुरू कि गई | 29 सितंबर 2021 |
इनके द्वारा शुरू कि गई | केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा |
उदेश्य | देश में गरीब परिवार के बच्चो को |
लाभार्थी | सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्र आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना |
लाभ | गरीब बच्चो को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराना |
योजना का बजट | 1 लाख 31,000 हजार करोड़ रूपये |
लाभार्थी बच्चो कि सख्या | 11,20000 करोड़ से अधिक |
ऑफिसियल वेबसाइट | www.mdm.nic.in |
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) की विशेषताए
- इस योजना का प्रारंभ केंद्र सरकार द्वारा किया गया है।
- इस योजना को सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी 11.80 करोड़ छात्रों के अलावा पूर्व-प्राथमिक अथवा बाल वाटिकाओं के छात्रों तक विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- इस योजना के कार्यान्वयन के लिये किसान उत्पादक संगठनों तथा महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इस योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पाँच वर्ष की अवधि तक जारी रखने के लिये लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। केंद्र सरकार खाद्यान्न पर लगभग 45,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लागत भी वहन करेगी।
- इसके तहत ‘आकांक्षी एवं आदिवासी ज़िलों’ तथा रक्ताल्पता के उच्च प्रसार वाले ज़िलों में पूरक पोषण प्रदान किया जाएगा। साथ ही, ‘वोकल फॉर लोकल’ के अनुरूप जातीय व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये सभी स्तरों पर पाक कला प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से प्राथमिक कक्षाओं में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा।
- मिड डे मिल योजना को इस योजना मे समाहित कर दिया गया है।
- पहाड़ी राज्यों में PM POSHAN योजना के संचालन के लिए 90% खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा एवं 10% खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- PM POSHAN योजना से स्कूलों में गरीब छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी और उनके शिक्षा और पोषण का विकास होगा।
- पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) के जरिये शिक्षा में ‘सोशल और जेंडर गैप’ समाप्त करने में मदद मिलेगी।
- पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को पोषण सुनिश्चित किया जा सके ताकि स्कूलों में गरीब छात्रों की उपस्थिति बढ़ें।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) के अंतर्गत मुख्य मानक
- खाद्यान की आपूर्ति :- प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए 100 ग्राम प्रति बच्चा प्रति स्कूल दिवस की दर से और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए 150 ग्राम प्रति बच्चा प्रति स्कूल दिवस की दर से भारतीय खाद्य निगम के निकटतम गोदाम से खाद्यान (गेहूं/चावल) की आपूर्ति
- भोजन पकाने की लागत :- भोजन पकाने की लागत (श्रम और प्रशासनिक प्रभार को छोङ़कर) प्राथमिक बच्चों के लिए 4.97 रूपए की दर से और उच्च प्राथमिक बच्चों के लिए 7.45 रूपए की दर से प्रदान की जाती है। प्रति बच्चे पकने वाले भोजन का विवरण निमन्वत है:-

- रसोईया का मानदेय (सहायक सहित ):- सोइये-कम-सहायक को प्रदान किए जाने वाले मानदेय को 1000 रूपए प्रतिमाह करना और 25 विद्यार्थियों वाले विधालयों में एक रसोइये-कम-सहायक, 26 से 100 विद्यार्थी वाले विद्यालयों में दो रसोइये-कम-सहायक और अतिरिक्त प्रत्येक 100 विद्यार्थियों तक के लिए एक अतिरिक्त रसोइये-कम-सहायक की नियुक्ति करना। यह मानदेय वर्ष मे 10 माह के लिए प्रदान किया जाता है।
- परिवहन लागत :- खाद्यान्न को भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से स्कूल तक पहुचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दरों के आधार पर अधिकतम 1500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से भुगतान किया जाता है।
- ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय :- सूखाग्रस्त व आपदाग्रस्त क्षेत्र मे ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय मे भी दोपहर के भोजन का प्रावधान किया जाता है।
- भुगतान की विधि :- इस योजना के अंतर्गत खाद्यान्न की लागत, मानदेय व परिवहन लागत का भुगतान DBT के माध्यम से किया जाएगा।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) के अंतर्गत नवीनतम प्रयोग
इस योजना के अंतर्गत निम्न नवीनतम प्रयोग किया जाएगा :-
पोषाहार उद्यान
इसके तहत सरकार, स्कूलों में ‘पोषाहार उद्यानों’ को बढ़ावा देगी। छात्रों को अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करने हेतु उद्यान स्थापित किये जायेंगे।
पूरक पोषण
नई योजना में आकांक्षी ज़िलों और एनीमिया के उच्च प्रसार वाले बच्चों के लिये पूरक पोषण का भी प्रावधान है। यह गेहूँ, चावल, दाल और सब्जियों के लिये धन उपलब्ध कराने हेतु केंद्र सरकार के स्तर पर मौजूद सभी प्रतिबंध और चुनौतियों को समाप्त करता है। वर्तमान में यदि कोई राज्य मेनू में दूध या अंडे जैसे किसी भी घटक को जोड़ने का निर्णय लेता है, तो केंद्र सरकार अतिरिक्त लागत वहन नहीं करने संबंधी प्रतिबंध को हटा लिया गया है।
तिथि भोजन का आयोजन
तिथिभोजन (Tithi Bhojan) की अवधारणा को व्यापक रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। तिथि भोजन एक सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रम है जिसमें लोग विशेष अवसरों/त्योहारों पर बच्चों को विशेष भोजन प्रदान करते हैं।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT)
केंद्र सरकार राज्यों से स्कूलों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) सुनिश्चित करेगी, जो इसका उपयोग भोजन पकाने की लागत को कवर करने के लिये करेगी। इसके माध्ययम से यह सुनिश्चित करना है कि ज़िला प्रशासन और अन्य अधिकारियों के स्तर पर कोई चूक न हो।
पोषण विशेषज्ञ
प्रत्येक स्कूल में एक पोषण विशेषज्ञ नियुक्त किया जाना है, जिसकी ज़िम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि बॉडी मास इंडेक्स (BMI), वज़न और हीमोग्लोबिन के स्तर जैसे स्वास्थ्य पहलुओं पर ध्यान दिया जाए।
सामाजिक लेखा परीक्षा
योजना के कार्यान्वयन का अध्ययन करने के लिये प्रत्येक राज्य में प्रत्येक स्कूल हेतु योजना का सामाजिक लेखा परीक्षा भी अनिवार्य किया गया है, जो अब तक सभी राज्यों द्वारा नहीं किया जा रहा था।शिक्षा मंत्रालय स्थानीय स्तर पर योजना की निगरानी के लिये कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को भी शामिल करेगा।
फंड शेयरिंग
1.3 लाख करोड़ रुपए की कुल अनुमानित लागत में से केंद्र 54,061 करोड़ रुपए वहन करेगा, जिसमें राज्य 31,733 करोड़ रुपए (45,000 करोड़ रुपए खाद्यान्न के लिये सब्सिडी के रूप में केंद्र द्वारा जारी किए जायेंगे) का भुगतान करेंगे।
आत्मनिर्भर भारत हेतु वोकल फॉर लोकल
योजना के कार्यान्वयन में किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये स्थानीय रूप से निर्मित जाने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रिय दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको मेरा यह आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) क्या होता है ,आगे भी इसी तरह आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से और स्कीम्स के बारे में जानकारी प्रदान करता रहूँगा। दोस्तों यदि आप प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) से संबंधित कोई और जानकारी पूछना चाहते हैं तो कमेंट करें हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे।
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